आप अपने संस्थान के प्रतिनिधि हैं, चेहरा हैं, ऐसा आधुनिक प्रबंधन में सिखाया जाता है। बताया जाता है कि आप सार्वजनिक रूप से सक्रिय हों या किसी काम से मैदान में हों तब यह न भूलें कि आपका कामकाज देख रहे लोग आपके माध्यम से आपके संस्थान का परिचय ही ले । रहे हैं। यदि आपका प्रदर्शन श्रेष्ठ है, व्यक्तित्व आकर्षक व प्रभावी है तो लाभ संस्थान को मिलेगा और यदि आप चूक रहे हैं तो नुकसान भी संस्थान ही उठाएगा, इसीलिए आधुनिक प्रबंधन में व्यक्तित्व विकास पर बहुत काम किया जाता है। ठीक इसी प्रकार आप अपने परिवार के भी प्रतिनिधि हैं। जब समाज में आप कोई भूमिका निभाते हैं तो आप परिवार का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं। लोग आपसे आपके वंश, आपके कुल की पहचान करेंगे।कोई भी आचरण करते समय यह न भूलें कि आपके परिवार के लोग भी आप ही से प्रतिष्ठा पाएंगे या आलोचना के केंद्र बनेंगे। भारतीय संस्कृति सिखाती है कि यदि परिवार में आप अन्य के मुकाबले अधिक सफल हो गए हों तो उस सफलता को अन्य सदस्यों के साथ जरूर बांटिए। सबको साथ लेकर चलने की मनोवृत्ति रखें, क्योंकि आप प्रतिनिधि हैं, चेहरा हैं। संभव है जब आपका बहुत नाम हो जाए तो परिवार के किसी सदस्य से कोई गलती हो जाए या वह किसी विवाद में पड़ जाए तो उसके छींटे आप पर भी आएंगे। उस विवाद से स्वयं को बचाएं और उस सदस्य को भी समझाएं। एक अच्छे परिवार के प्रतिनिधि की यही पहचान है कि अपनी सफलता सब में बांटें, दूसरों की कमजोरी को दूर रखें और यदि कोई सदस्य विवाद अथवा संकट में फंस गया हो तथा उसका प्रभाव आप पर पड़ रहा हो तो धैर्य रखें और परिवार का साथ न छोड़ें।
मिले बड़ी सफलता